एक शाम कविताएं बेहतर भविष्य के लिए, हिंसा मुक्त समाज के लिए, हर प्रकार की हिंसा को खत्म करने के तमाम प्रयासों कि एकजुटता के लिए. जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध 16 दिवसीय एक्टिविज्म के वैश्विक अभियान की एकजुटता में कविताएं.
बोल कि लब आज़ाद है तेरे
बोल जबां अब तक तेरी है – फ़ैज़
कवि
दीपा
शिवानी शाह
शाहीन शेख
श्रद्धा
आतिश इंद्रेकर
होज़ेफा उज्जैनी
मुशताक अली
आयोजक
एक्शन ऐड
कोन्फ़्लिक्टोरियम
परवाज़
नेशनल पीस ग्रुप